I need you to write some articles. Manoj Kumar Mishraमंदार पर्वत, जिससे समुद्र-मंथन हुआ था. कहाँ है वह ?मंदार पर्वत, वही जिसे मथानी बना कर समुद्र-मंथन किया गया था।कहां है वह ? क्या उसका अस्तित्व है ?यदि उस मूक साधक को देखना चाहते हैं तो आपको बिहार के बांका जिले के बौंसी गांव तक जाना पड़ेगा। यह करीब सात सौ फुट ऊंची पहाड़ी भागलपुर से 30-35 मील दूर स्थित है। जहां रेल या बस किसी से भी सुविधापूर्वक जाया जा सकता है। बौंसी से इसकी दूरी करीब पांच मील की है।जब समुद्र मंथन किया गया तो मंदार पर्वत को मथनी और उस पर वासुकी नाग को समेट कर रस्सी का काम लिया गया था। पर्वत पर अभी भी धार दार लकीरें दिखती हैं जो एक दूसरे से करीब छह फुट कीदूरी पर बनी हुई हैं और ऐसा लगता है कि किसी गाड़ी के टायर के निशान हों। ये लकीरें किसी भीतरह मानव निर्मित नहीं लगतीं। जन विश्वास है कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी के शरीर की रगड़ से यह निशान बने हैं। मंथन के बाद जो हुआ वह अलग कहानी है। पर अभी भी पर्वत के ऊपर शंख-कुंड़ में एक विशाल शंख की आकृति स्थित है कहते हैं शिवजी ने इसी महाशंख से विष पान किया था।पुराणों के अनुसार एक बार विष्णुजी के कान के मैल से मधु और कैटभ नाम के दो भाईयों का जन्महुआ। पर धीरे-धीरे इनका उत्पात इतना बढ गया कि सारे देवता इनसे भय खाने लगे। हद से गुजरने के बाद आखिर इन्हें खत्म करने के लिए विष्णुजी को इनसे युद्ध करना पड़ा। इसमें भी मधु का अंत करने में विष्णुजी परेशान हो गये हजारों साल के युद्ध के बाद अंत में उन्होंने उसका सिर काट उसे मंदार पर्वत के नीचे दबा दिया। पर उसकी वीरता से प्रसन्न हो कर उसके सिर की आकृति पर्वत पर बना दी गयी। जो अब यहां आने वालों के लिए दर्शनीय स्थल बन चुकी है।वैसे तो यहां अनगिनत सरोवर और मंदिर हैं, सबकी अपनी-अपनी कहानी भी है पर पर्वत के नीचे बनेजल-कुंड़ का अपना महत्व है इसके पानी को रोगों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।यहां से करीब 70-80 कि.मी. की दूरी पर वासुकीनाथ का मंदिर भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है। कभी मौका मिले तो समुद्र मंथन की इस मथानी को जरुर देखने जाएं।"',,,,स्फेसिफिकइन्टरनेट कैफै।,",,,,,,5 December 2016 at 23:47·Privacy: Mu